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कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई

कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई

याद करो वीरों का बलिदान।

आज हम एक स्वतंत्र देश में रह रहे हैं, जो दिल करें खा सकते हैं , चाहे पहन सकते हैं ,जहां मन चाहे घूम सकते हैं और जो मन चाहे वह कार्य कर सकते हैं हम सभी को स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है और शायद यही एक कारण है जो आज हम स्वतंत्रता का महत्व नहीं समझते हैं बल्कि इसका गलत फायदा उठाते हैं।
आज जो हमें यह स्वतंत्रता मिली हुई है इसके लिए हमारी भारत माता के वीरो ने अपने बलिदान दिए हैं पता नहीं कितनी मां के लालो ने अपने बलिदान दिए ,तब जाकर हमें यह स्वतंत्रता मिली है।


इसी तरह हमारे देश की सबसे ऊंची चोटी "सियाचिन" को बचाने के लिए भी बहुत सी मांओ के लालो ने अपने बलिदान दिए हैं जिन्हें हम आज "कारगिल विजय दिवस" के रूप में याद करते हैं।

कारगिल की लड़ाई


फरवरी 1999 में कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने वाला नहीं था।


पाकिस्तान ने चुपके से एक मिशन बनाया जिसका नाम "ऑपरेशन बद्र" रखा गया इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान अपने सैनिकों को चुपके से नियंत्रण सीमा के पार भेजने लगा। उनका ऐसा करने का मकसद यह था कि भारतीय सेना को सियाचिन से हटा दिया जाए और किसी तरह कश्मीर को लद्दाख से जोड़ा जाए।


जब भारतीय सेना को इस बात का पता चला कि पाकिस्तानी सेना के सैनिकों ने नियंत्रण सीमा को पार किया है तो उन्होंने इसे घुसपैठ समझकर इन सैनिकों को यहां से हटाने का दावा किया।


लेकिन जब नियंत्रण रेखा की खोज की गई तो भारतीय सेना को समझ आ गया कि पाकिस्तान एक बहुत बड़े हमले की तैयारी में है। दुश्मन की चाल मापने के बाद भारतीय सेना ने उन से लोहा लेने की ठान ली।


फिर भारत ने "विजय" नाम से एक ऑपरेशन की शुरुआत की इस ऑपरेशन में लगभग 200000 सैनिकों को युद्ध के लिए भेजा गया। कारगिल का युद्ध लगभग 2 महीने तक चला और अंत में 26 जुलाई भारत की विजय के साथ पूर्ण रूप से समाप्त हुआ।


इस तरह भारतीय सेना ने अपने सियाचिन को पाकिस्तान की नजरों से बचा लिया। इसी कारण भारतीय सेना के जवान आज भी दिन-रात सियाचिन क्षेत्र की निगरानी करते हैं।

कारगिल की लड़ाई में नुकसान


कारगिल की लड़ाई में हमें सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ की इस लड़ाई में भारतीय सेना ने अपने 550 जवानों को गवा दिया और 1400 जवान घायल हो गए। इन्हीं शहीद हुए जवानों के बलिदान को याद रखने के लिए आज हम हर साल 26 जुलाई को "कारगिल विजय दिवस" के रूप में मनाते आ रहे हैं।

कारगिल की लड़ाई में शहीद हुए वीर


1. राजकुमार

2. वेद प्रकाश

3. गणपत सिंह डाका

4. विनोद कुमार

5. वीरेंद्र सिंह

6. कैप्टन सौरभ कालीसा

7. रणवीर सिंह

8. शीशराम गिल

9. कैप्टन मनोज कुमार पांडे


यह कुछ ऐसे वीर हैं जिन्होंने अपने वतन के लिए हंसते हंसते दुश्मन का सामना करते हुए अपनी जान भारत माता के लिए कुर्बान की है। मेरा इन सभी वीरों को दिल से नमन है।

कारगिल दिवस का महत्व व उद्देश्य

दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि हम अपने देश के कारगिल शहीद वीरों के बलिदान को हमेशा याद रखें और योद्धाओं के बलिदान से प्रेरणा लेकर अपने देश के लिए मर मिटने की भावना को जागृत करें।


आशा करता हूं की ,कारगिल योद्धाओं और कारगिल विजय दिवस के बारे में यह जानकारी आपको बहुत अच्छी लगी होगी। ऐसी ही और जानकारी पाने के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहे।

3 Responses to "कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई"

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